Thursday 19 September 2024

KABIR KE DOHE

 

चिंता से चतुराई घटे, दु:ख से घटे शरीर।

पा किये लक्ष्‍मी घटे, कह गये दास कबीर।।



कामी, क्रोधी, लालची, इनसे भक्ति न होय।

भक्ति करे कोई सूरमा, जाति वरन कुल खोय।।

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